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Items where Subject is "Development Studies"

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Article

UNSPECIFIED (2016) रैगिंग और वर्चस्वी पौरुष प्रतिमान (8). pp. 216-235.

अटल, योगेश (2013) भ्रष्टाचार : समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य प्रतिमान, 1 (1). pp. 39-51.

अनिवेद, शिवनारायण सिंह (2001) आधुनिकता का लबादा: प्रभुत्व एवं प्रतिरोध का द्वन्द्वात्मक विमर्श मूल प्रश्‍न. pp. 27-33.

अनुषा, (2014) माई माटी छोड़ब नाही : पोटका का भूमि अधिकार आन्दोलन प्रतिमान (4). pp. 748-765.

अहमद, हिलाल (2013) मंटो : सियासत के अधूरे अफ़साने प्रतिमान, 1 (1). pp. 254-267.

अहमद, हिलाल (2017) गाँधी के मुसलमान प्रतिमान (10). pp. 7-20.

अहमद, हिलाल (2015) मुस्लिम राजनीतिक विमर्श : एक टिप्पणी प्रतिमान (6). pp. 380-387.

आम्बेडकर, भीम राव (2015) अस्पृश्यता, मृत गाय और ब्राह्मणवाद प्रतिमान (6). pp. 478-494.

उर्मिलेश, (2019) कश्मीर : सरकारी विमर्श बनाम गाँधी, आम्बेडकर और लोहिया प्रतिमान (14). pp. 1-9.

एंगेल्स, फ्ऱेडरिक (1978) परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति : एक अंश डिबेट ऑनलाइन, 3 (2).

ओर्सीनी, फ्रे़चेस्का (2015) दिल माँगे मोर : समकालीन भारत में हिंग्लिश के सामाजिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ प्रतिमान (6). pp. 516-539.

कपूर, शिवानी (2016) इत्र बनाम चमड़ा : उत्तर प्रदेश में जाति और गंध की राजनीति प्रतिमान (7). pp. 240-257.

कुमार, अमितेश (2014) लोकप्रिय का अनुकूलन और लोक का विस्थापन : आधुनिक हिन्दी रंगमंच का उदय प्रतिमान (4). pp. 533-560.

कुमार, अरविन्‍द (2015) कांशीराम और उत्तर-आम्बेडकर दलित-विमर्श प्रतिमान, 3 (1). pp. 148-166.

कुमार, आशुतोष (2017) भारतीय राष्ट्रवाद बनाम गिरमिट प्रथा : सौ वर्ष पूरे होने पर एक पड़ताल प्रतिमान (10). pp. 297-325.

कुमार, आशुतोष (2019) अनुबन्धित श्रमिक : प्रवास और औपनिवेशिक नीति प्रतिमान (14). pp. 263-280.

कुमार, सतेन्‍द्र (2015) राजनीतिक अध्ययन में एथ्नॉग्राफ़ी की भूमिका प्रतिमान, 3 (1). pp. 213-221.

कुमार झा, पंकज and दत्ता, कस्तूरी (2018) राजनीतिशास्त्र के आईने में 'राग दरबारी' के पचास साल प्रतिमान (12). pp. 374-379.

कोठारी, रजनी (1981) भारतीय राजनीतिक प्रणाली में चुनावी फ़ैसले की सीमाएँ मूल प्रश्‍न. pp. 9-11.

कोलगे, निशिकान्त (2019) दलित आन्दोलन के लिए गाँधी - आम्बेडकर बहस के सबक़ प्रतिमान (13). pp. 26-38.

कौशिक, आशा (2016) राष्ट्रवाद पर बहस : लोकतांत्रिक संवाद का संकट मूल प्रश्‍न. pp. 36-40.

गाताडे, सुभाष (2015) स्वच्छ भारत अभियान : कितने सारे मौन? प्रतिमान, 3 (1). pp. 46-63.

गालिआनो, एदुआर्दो (2012) लिखना मौत से लड़ना जैसा है डिबेट ऑनलाइन (1).

गालिआनो, एदुआर्दो (2009) रंगभेद और पुरुष वर्चस्व का पहला सबक़ डिबेट ऑनलाइन (1).

गालेआनो, एदुआर्दो (2013) पुरुष वर्चस्व का पहला सबक़ डिबेट ऑनलाइन (1).

गुप्ता, चारु (2013) रूप और अरूप, सीमा और असीम : औपनिवेशिक उत्तर भारत में दलित-पौरुष प्रतिमान, 1 (1). pp. 99-125.

गोस्वामी, नरेश (2017) संविधान की एक उत्तर-कथा : नीति निर्देशक सिद्धान्त मौलिक अधिकार क्यों नहीं बन सके? प्रतिमान (9). pp. 282-296.

गोस्वामी, नरेश (2017) समान नागरिक संहिता : सवाल और सम्भावनाएँ प्रतिमान (10). pp. 39-54.

ग्राम्शी, अन्तोनियो (2013) बुद्धिजीवियों का निर्माण डिबेट ऑनलाइन (1).

ग्रीयर, जर्मेन (2006) बलात्कार डिबेट ऑनलाइन (1).

चटर्जी, पार्थ (2019) जनता का सम्प्रभु और बहुसंख्यकवाद प्रतिमान (13). pp. 1-9.

चतुर्वेदी, अरुण (2001) राजनैतिक व्यवस्था टूट रही है मूल प्रश्‍न. pp. 55-57.

चौधरी, देवारती रॉय (2017) खाद्य सम्प्रभुता और नारीवाद : एक नए क्षितिज की तलाश प्रतिमान (10). pp. 326-342.

चौधरी, प्रसन्न कुमार (2017) पिकेटी, मार्क्स और पूँजी : सन्दर्भ और समालोचना प्रतिमान (10). pp. 165-193.

चौधरी, सौम्यव्रत (2014) राजनीति के क़ाबिल कौन है? : आम्बेडकर बरक्स अरस्तू प्रतिमान, 2 (1). pp. 259-278.

चौबे, कमल नयन (2019) सोशल मीडिया और मतदाता प्रतिमान (13). pp. 17-25.

चौबे, कमल नयन (2018) सलवा जुडूम : राज्य, माओवाद और हिंसा की अन्तहीन दास्तान प्रतिमान (12). pp. 187-208.

चौबे, कमल नयन (2015) लोकतंत्र, चुनाव और राजनीतिक गत्यात्मकता की सैद्धान्तिकी प्रतिमान (6). pp. 388-410.

चौबे, कमल नयन (2019) आदिवासी जीवन और वनवासी कल्याण आश्रम प्रतिमान (14). pp. 75-95.

चौबे, कमलनयन (2013) दो ‘प्रगतिशील’ कानूनों की दास्तान : राज्य, जन-आन्दोलन और प्रतिरोध प्रतिमान, 1 (1). pp. 149-177.

जैन, प्रकाशचन्द्र (2001) विकास व्यवस्था के शिकार आदिवासी : संरक्षात्मक भेदभाव का मसला मूल प्रश्‍न. pp. 49-52.

जोठे, संजय (2016) महिषासुर-विमर्श : एक बार फिर मिथकीय पुनर्पाठ प्रतिमान (7). pp. 107-130.

झा, इन्द्रजीत कुमार (2013) सलवा जुडूम और न्याय का लोकतंत्रीकरण : नीति-निर्णय, उदारीकरण और सुप्रीम कोर्ट प्रतिमान, 1 (1). pp. 178-202.

झा, पंकज कुमार (2017) बाढ़ से जीयब, बाँध से मरब : बाढ़ नियंत्रण की राजनीति प्रतिमान (9). pp. 246-263.

झा, विजय कुमार (2016) भारतीय नारीवाद और भिन्नता का प्रश्न प्रतिमान (7). pp. 258-273.

झा, सदन (2013) देखने की राजनीति : भारत का झण्डा और आस्था की नज़र प्रतिमान, 1 (1). pp. 234-253.

टण्टन, आलोक (2016) नेहरू और आम्बेडकर : भारतीय आधुनिकता के दो चेहरे प्रतिमान (7). pp. 26-42.

टण्टन, आलोक (2014) अस्मिता और अन्यता : सम्बन्ध, समस्या और समाधान प्रतिमान (4). pp. 570-580.

ठाकुर, मणींद्र नाथ (2013) ज्ञान की सामाजिक उपयोगिता और 'मुर्दहिया' प्रतिमान, 1 (1). pp. 52-72.

तिवारी, सागर (2018) सैद्धान्तिक बहस और फ़ील्ड की आवाज़ें प्रतिमान (12). pp. 215-220.

तूलिका, (2018) घर, सफ़ाई और महिला: बरास्ते विज्ञापन प्रतिमान (12). pp. 69-81.

दास, शंकर and दास, प्रसीत (2016) जूट उद्योग : एक सुनियोजित हत्या प्रतिमान (7). pp. 76-90.

दीवान, हृदय कान्त (2008) प्रजातंत्र के सैद्धान्तिक सरोकार मूल प्रश्‍न. 7 -12.

दीवान, हृदय कान्त (2010) विस्तृत ढाँचा और क़ानून – बौनी होती क्षमताएँ मूल प्रश्‍न. pp. 30-34.

दुबे, अभय कुमार (2013) पटरी से उतरी हुई औरतों का यूटोपिया : राष्ट्रवाद का प्रति-आख्यान प्रतिमान, 1 (1). pp. 286-416.

दुबे, अभय कुमार (2016) फीका पड़ता भूमण्डलीकरण और भारत : बाज़ारपरस्ती बनाम पूँजीपरस्ती प्रतिमान (7). pp. 11-25.

दुबे, अभय कुमार (2008) कन्धमाल की हिंसा बनाम धर्मनिरपेक्षता मूल प्रश्‍न. pp. 37-39.

देशपाण्डे, राजेश्‍वरी (2014) क्या चाहती हैं वोटर औरतें? प्रतिमान, 2 (1). pp. 173-182.

देशपाण्डे, सतीश and बत्रा, पूनम and कोठारी, अतुल and जैन, नीरज and कुमार, सत्येन्द्र (2018) शिक्षा : संकट, चुनौतियाँ और अवसर प्रतिमान (11). pp. 117-153.

दोषी, शम्भूलाल (1981) सवाल व्यवस्था का नहीं, सम्पूर्ण व्यवस्था का है मूल प्रश्न. pp. 16-18.

नन्दी, प्रीतीश (2008) डर की गिरफ़्त में हम कहाँ मूल प्रश्‍न. pp. 40-42.

नारायण, इकबाल (1981) गतिरोध, स्थिति और विकास मूल प्रश्‍न. pp. 4-8.

निगम, आदित्य (2014) जनतंत्र और जनवाद के बीच : कुछ सैद्धांतिक सवाल प्रतिमान, 2 (1). 01-22.

निगम, आदित्य (2017) अक्तूबर क्रान्ति की याद : डास कापिताल के ख़िलाफ़ इंक़लाब प्रतिमान (10). pp. 1-6.

निगम, आदित्य (2019) हर्नांदो डि सोटो और वित्तीय समावेशन का असली चेहरा प्रतिमान (14). pp. 53-56.

पचौरी, सुधीश (2016) काव्य की रीति सिखी सुखबीन सों : रीतिकाल में फ़ूको विचरण (3) प्रतिमान (7). pp. 179-204.

पटेल, किंग्सन (2012) नारीवाद के मायने डिबेट ऑनलाइन (1).

पाण्डे, ज्ञानेन्द्र (2018) हिन्दुस्तानी आदमी घर में : तब --और अब? प्रतिमान (11). pp. 196-231.

पाण्डेय, अंकिता (2013) समकालीन भारत में नागरिकता का मानचित्र प्रतिमान, 1 (1). pp. 285-302.

पाण्डेय, राकेश (2016) भारतीय आधुनिकता और पूर्व-पक्ष की खोज : एक संवाद लेख प्रतिमान (8). pp. 39-71.

फड़िया, बाबूलाल (1981) संसदीय प्रणाली के विकल्प की खोज मूल प्रश्‍न. pp. 19-22.

बख़्शी, पूजा (2019) यौन हिंसा और भारतीय राज्य : विसंगतियों के आईने में प्रतिमान (14). pp. 251-262.

बनर्जी, प्रथमा and निगम, आदित्य and पाण्डेय, राकेश (2019) सिद्धान्त का कर्म : परम्पराओं के आर-पार चिन्तन प्रतिमान (13). pp. 144-164.

बानू, ज़ेनब (2005) मुस्लिम समाज जेण्डर एवं राज्य मूल प्रश्‍न. pp. 42-46.

बिलोनिया, महेन्द्र सिंह (2006) जनमत निर्माण में मीडिया की भूमिका मूल प्रश्न. pp. 50-52.

बोरा, बनस्मिता (2019) बग़ावत पर सोचते हुए बाग़ी : उपलब्धियाँ, विषाद और अवसाद प्रतिमान (13). pp. 310-328.

बोर्दिया, मंजुला (2001) सामाजिक न्याय और आत्मबल मूल प्रश्‍न. pp. 11-13.

भटनागर, रश्मि दुबे (2014) किसान क्रान्ति और उन्मुक्त फ़िलॉलॉजी : निम्‍नवर्गीय प्रसंग, सहृदय पाठक परम्परा और भाषाओं का द्वन्द्व प्रतिमान (4). pp. 592-628.

भार्गव, नरेश (2005) त्यागे गए लोगों पर लेखन: अरण्य में नई आवाज़ें मूल प्रश्‍न. pp. 53-55.

भार्गव, नरेश (2001) कट्टरता के मानदण्ड और नये आचार की अपेक्षाएं मूल प्रश्‍न. pp. 23-26.

भार्गव, नरेश (2001) आतंकवाद : नर्म राष्ट्र की गर्म हवा मूल प्रश्‍न. pp. 9-13.

भार्गव, नरेश (1997) पंचायती राज : फिर बैतलवा डार पर मूल प्रश्‍न. pp. 41-15.

भार्गव, नरेश (2010) माओवादी आन्दोलन : उभरते प्रश्‍न मूल प्रश्‍न. pp. 14-18.

माथुर, पी. सी. (1981) भारतीय व्यवस्था : स्वयं पुनर्निर्माण की सम्भावनाएँ मूल प्रश्न. pp. 12-15.

मुक्तिबोध, (1955) मध्ययुगीन भक्ति आन्दोलन का एक पहलू डिबेट ऑनलाइन (1).

मुन्दड़ा, निशा (2006) महिलाओं की छवि और मीडिया मूल प्रश्न. pp. 42-46.

मुस्कान, (2015) विस्थापन का बोझ ढोती स्त्रियाँ : विकास परियोजनाओं की एक नारीवादी समीक्षा प्रतिमान, 3 (1). pp. 222-224.

मेहता, जगत एस. (2001) प्रजातंत्र में हम और वे मूल प्रश्‍न. pp. 5-7.

यादव, चन्द्रजीत (2001) सामाजिक न्याय - पिछड़े वर्गों की भूमिका मूल प्रश्‍न. pp. 6-10.

रविकान्त, (2014) पारसी नाट्यात्मचरित्र का तारीख़ी पिटारा प्रतिमान (4). pp. 561-568.

रामानुजन, ए.के. तीन सौ रामायणें डिबेट ऑनलाइन (1).

राय, विभूति नारायण (2005) वर्णाश्रमी असभ्यता मूल प्रश्‍न. pp. 37-41.

रॉय, अरुन्धती (2012) पूँजीवाद एक प्रेतकथा डिबेट ऑनलाइन (1).

लोढ़ा, संजय (2001) आतंकवाद : अर्थ और विकल्प मूल प्रश्‍न. pp. 5-8.

लोढ़ा, संजय (2008) भारतीय लोकतंत्र : बढ़ते क़दम मूल प्रश्‍न. pp. 25-28.

वर्मा, ए.के. (2015) उत्तर प्रदेश में भी एक बड़ा जनजातीय समाज है मूल प्रश्‍न. pp. 40-46.

वर्मा, एस. एल. (2001) क्या हो आतंकवाद का स्थाई  समाधान? मूल प्रश्‍न. pp. 21-23.

वर्मा, जगमोहन सिंह (2001) हिन्दू सामाजिक ढांचा एवं दलित मूल प्रश्‍न. pp. 17-19.

वाल्मीकि, ओमप्रकाश (2005) दलित नैतिकता बनाम वर्चस्ववादी मूल प्रश्‍न. pp. 33-36.

विजय, देवेश (2018) घटती ग़रीबी, बढ़ती तकलीफ़ें : ग़रीबों के जीवन का एक समाजशास्त्रीय चित्र प्रतिमान (11). pp. 52-73.

विद्यालंकार, धर्मचन्द्र (2001) सामाजिक न्याय की अवधारणा और स्वरूप मूल प्रश्‍न. pp. 79-82.

वोहरा, अशोक (2019) अनवरत शान्ति और धर्मयुद्ध प्रतिमान (14). pp. 103-116.

व्यास, भगवतीलाल (2001) व्यक्तिपूजा और व्यवस्था के ख़तरे मूल प्रश्‍न. pp. 12-14.

शरण, अवधेन्द्र (2017) शहर और पर्यावरण प्रतिमान (9). pp. 363-368.

शर्मा, अम्बिकादत्त (2014) हिन्द स्वराज्य' और 'कम्युनिस्ट घोषणापत्र' : मार्क्स, गाँधी और हाइडैगर के आईने में एक पुनर्पाठ प्रतिमान, 2 (1). pp. 223-238.

शर्मा, अम्बिकादत्त (2018) भारतीय मानस का वि-औपनिवेशीकरण प्रतिमान (12). pp. 53-68.

शलभ’, धर्मपाल गुप्त (2001) दलित संचेतना के उभरते प्रश्‍न मूल प्रश्‍न. pp. 34-36.

शास्त्री, प्रकाश (1981) व्यवस्था में गतिरोध मूल प्रश्‍न. pp. 23-25.

शाह, आलम (2023) हमारे समय में श्रम की गरिमा पाठशाला भीतर और बाहर, 15. pp. 92-97.

शुक्ल, बलराम (2017) रूमी की कीमियागरी : पंचतंत्र की नैतिक कथाओं का आध्यात्मिक संस्करण प्रतिमान (9). pp. 218-245.

श्रीमाली, कृष्ण मोहन (2017) भारत में धार्मिक पहचानों का गठन प्रतिमान (9). pp. 334-363.

श्रीवास्तव, गरिमा (2019) चुप्पियाँ और दरारें : मुसलमान स्त्रियों की आत्मकथाएँ प्रतिमान (14). pp. 201-249.

सईद, एडवर्ड (2012) निर्वासन चिन्तन डिबेट ऑनलाइन (1).

सरोज, संजू (2018) हाशिए के भीतर हाशिया : उपेक्षा और बहिष्करण प्रतिमान (12). pp. 325-343.

सर्वेश, तरुशिखा (2017) हाशिए का सशक्तीकरण : दलित स्त्रियाँ-हसरतें और अनुभव प्रतिमान (9). pp. 298-315.

सिंह, कुँवर प्रांजल (2018) हाशियायी समाज और आदिवासी प्रश्‍न प्रतिमान (12). pp. 209-214.

सिंह, चन्द्रभूषण प्रसाद (2001) सामाजिक परिवर्तन और ज्ञान की क्रान्ति मूल प्रश्‍न. pp. 24-30.

सिंह, जितेन्द्र (2019) बंजारा समाज : सभ्य नागरिक से अपराधी जाति की ओर प्रतिमान (14). pp. 281-300.

सिंह, धनंजय (2014) प्रवासी मज़दूर : बिदेसिया लोक-संस्कृति प्रतिमान, 2 (1). pp. 279-311.

सिंह, नवज्योति (2018) अंधकारमयता का अन्वेषण : ग्रीको - युरोपीयन ज्ञानोदय के स्थानांतरण की समस्या प्रतिमान (11). pp. 1-10.

सिंह, भगत (1932) मैं नास्तिक क्यों हूँ डिबेट ऑनलाइन (1).

सिंह, भगत (1931) सुखदेव को भगत सिंह का पत्र डिबेट ऑनलाइन (1).

सिंह, रमाशंकर (2015) बंसोड, बाँस और लोकतंत्र प्रतिमान, 3 (1). pp. 225-273.

सिंह, रमाशंकर (2018) लोकतंत्र का परिसर और घुमन्तू समुदाय प्रतिमान (12). pp. 344-362.

सुन्दर, नन्दिनी and सव्यसाची, and बस्तर, नरेन्द्र and खाखा, अभय (2018) आदिवासी भारत : परिकल्पना, राजनीति, मुद्दे और चिन्ताएँ प्रतिमान (12). pp. 149-186.

सुहृद, त्रिदीप (2013) हिंद स्वराज्य : गोधुलि वेला में परम्परा और आधुनिकता प्रतिमान, 1 (1). pp. 1-12.

सोनटैग, सूसन लिखने और पढ़ने का सम्बन्ध डिबेट ऑनलाइन (1).

सोहोनी, रवीन्द्र कुमार (2001) सामाजिक न्याय के सन्दर्भ में आचार्य विनोबा भावे के विचार मूल प्रश्‍न. pp. 31-33.

सौभाग्यवती, (2001) दलित व्यथा का यथार्थ मूल प्रश्‍न. pp. 53-57.

हरिश्चन्द्र, भारतेन्दु (1984) भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है डिबेट ऑनलाइन (1).

हैनिच, कैरोल (1968) पर्सनल इज़ पॉलिटिकल डिबेट ऑनलाइन (1).

Interviews/Panel Discussions

कुमार, अरुण and शर्मा, देविंदर and अरुण, टी.के. and निगम, आदित्य and शर्मा, अनिल (2019) आर्थिक संकट पर एकाग्र आर्थिक सुस्ती या पस्ती? : वैकासिक मॉडल के फलितार्थों से फ़ौरी ग़लतियों तक प्रतिमान (14). pp. 10-52.

देशपाण्डे, सतीश (2014) चुनाव और हमारा विवेक प्रतिमान, 2 (1). pp. 47-60.

निगम, आदित्य and चौधरी, श्रीश and दीवान, हृदय कान्त and दासगुप्ता, प्रबाल and त्रिपाठी, राधावल्लभ and बनर्जी, प्रथमा and पाण्डेय, राकेश and दुबे, अभय कुमार and अहमद, हिलाल and कुमार, सतेन्द्र and राजकुमार, and नरेगल, वीणा and प्रियर्शिनी, मुकुल and भट्टाचार्य, बैदिक and देशपाण्डे, सतीश and शर्मा, कंचन and दिवाकर, ज्योति (2019) अंग्रेज़ी और हम प्रतिमान (13). pp. 111-143.

मेनन, निवेदिता and वर्मा, अर्चना and बुटालिया, उर्वशी and नक़वी, फ़राह and घई, अनीता and तिलक, रजनी (2017) नारीवाद की भारतीयता : आयाम अस्मिता और अन्तरंगता प्रतिमान, 9 (1). pp. 91-123.

शर्मा, सुरेश and वाजपेयी, उदयन (2019) आधुनिकता और पेगन सभ्यताएँ प्रतिमान (13). pp. 165-201.

शेठ, धीरूभाई (2014) आधुनिकता और लोकतंत्र की द्वंद्वात्मकता प्रतिमान, 2 (1). pp. 23-36.

शेठ, धीरूभाई and ठाकुर, मणींद्र and चौबे, कमलनयन (2013) भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और राजनीतिक संकट : एक सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्य प्रतिमान, 1 (1). pp. 17-38.

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